यज्ञोपवीत/जनेऊ (एक जनेऊ मात्र ₹ 50) हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है, हम हस्तनिर्मित पारम्परिक विधानों से जनेऊ का निर्माण करते हैं आज वस्तुओं का बाजारीकरण होने के कारण अनेक प्रकार की जनेऊ बाजार में उपलब्ध है. जो बिना परिष्कृत किये हुए बनाये जाते हैं.
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