ग्रहों के शुभाशुभ फल देने वाले भाव- केन्द्र और त्रिकोण में स्थित ग्रह प्राय: शुभफल देते हैं। दूसरे तथा तीसरे भाव में स्थित ग्रह मिश्रित फल प्रदान करते हैं। जबकि 6, 8, 12 वें भाव में स्थित ग्रह प्राय: अशुभ फल प्रदान करतें हैं। 3, 6, 11 वें स्थान में क्रूर ग्रह शुभफल प्रदान करते हैं।
जिस भाव में जो राशि हो उस भाव का स्वामी भावेश कहलाता है। इस प्रकार 1, 2, 3, 4, 5, भावों के स्वामी ग्रह क्रमश: लग्नेश द्वितीयेश तृतीयेश चतुर्थेश पंचमेश नामों से क्रमश: जाने जाते हैं।
ग्रहों से करें पारिवारिक सम्बन्धों का विचार- सूर्य से पिता का, चन्द्रमा से माता का, मंगल से पुत्र तथा भाई का, बुध से मामा-मामी, गुरू से पुत्र सुख, पति सुख, व अग्रज का, शुक्र से स्त्री का, शनि से सेवक का, राहु से दादा का तथा केतु से नाना का विचार करना चाहिए।
सूर्य और मंगल ग्रह अग्नि तत्व के, चन्द्रमा और शुक्र जल तत्व के, बुध पृथ्वी तत्व, गुरू आकाश तथा शनि, राहु, केतु ग्रह वायु तत्व संज्ञक हैं।