अचानक धन प्राप्ति का योग – यदि पंचमेश बली होकर केन्द्र त्रिकोणआदि में शुभ प्रभाव में हो, राहु अथवा केतु का योग पंचम, नवम, अथवा लाभ भाव में किसी शुभ ग्रह के साथ हो जाये तो अचानक धन प्राप्तिका योग बनता है।
विदेश यात्रा के योग – यदि कुण्डली में भाग्येश द्वादश भाव में स्थित होतथा लग्नेश द्वादशेश एवं पंचमेश ग्रहों का योग सप्तम भाव में बनता होतो विदेश में रहने के संयोग बनते हैं। भाग्येश बारहवें भाग में हो तो भीविदेश यात्रा के योग बनते हैं।
धनी योग – जन्म कुण्डली में जब लग्न का स्वामी दूसरे भाव में औरदूसरे भाव का स्वामी लाभ भाव में तथा लाभेश ग्रह लग्न भाव मे हो तो जातक को विपुल धन की प्राप्ति होती है। द्वितीय भाव में गुरू चन्द्र कासंयोग भी जातक को धनी बनाता है।