क्या मांगलिक दोष 28 वर्ष के बाद समाप्त हो जाता है? आजकल यह बात अधिक सुनने में आ रही है कि 28 वर्ष के बाद मंगल का दोष समाप्त हो जाता है अर्थात मांगलिक जातक का विवाह अन्य से भी किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में जन्म कालीन ग्रहों का प्रभाव यदि जातक पर आजीवन माना गया है तो मंगल ग्रह का प्रभाव प्रौढ़ावस्था में समाप्त हो जाता है यह कैसे मान लिया गया? यह बात तो तर्क संगत नहीं लगती। प्रत्येक ग्रह का फल उसकी दषा, अन्तरदशा में प्राप्त होता है। इस प्रकार प्रत्येक ग्रह की अन्तरदशा तीन वर्ष की अवधि में एक बार अवश्य आ ही जाती है। इस प्रकार कुज दोष के प्रभाव से मुक्त होना संभव नहीं है। हौरारत्न में हिल्लाज के वाक्य इस प्रकार हैं।
सप्तमे भमिते वर्षे जायानाशं करोति च।
द्वाविंशतितमे वर्षे विपत्तिं चाष्टमे कुजः।।
पंचद्विप्रमिते वर्षे हानिदो द्वादशे कुजः।
चतुस्त्रिंशत्तमे वर्षे स्त्रीनाशं सप्तमे रविः।।
अष्टात्रिंशत्तमे वर्षे हानिदो द्वादशे रविः।
अंततः यह कहा जा सकता है कि मंगल दोष से बचना 28 या इससे बड़ी उम्र में भी संभव नहीं है। विवाह हेतु उचित ग्रह मिलान आवश्यक भी है।