माणिक्य-
मेष लग्न में सूर्य पंचमेशहोकर लग्नेश मंगल का मित्र होता है मेष लग्न के जातक को सूर्य की महादशा में लाभप्रद होता है संतान सुख तथा राजकृपा प्राप्ति हेतु धारण कर सकते हैं।
वृष लग्न एके जातक केवल सूर्य की महादशा में माणिक्य धारण कर सकते हैं।
मिथुन लग्न के जातक माणिक्य धारण नहीं कर सकते।
कर्क लग्न के जातकों को माणिक्य के साथ मोती पहनना लाभप्रद होता है।
सिंह लग्न के जातकों को माणिक्य आजीवन पहनना चाहिए।
कन्या लग्न के जातकों को माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए।
तुला लग्न के जातक केवल सूर्य की महादशा में माणिक्य पहन सकते हैं।
वृश्चिक लग्न के जातक राजकृपा तथा व्यवसाय में उन्नति हेतु माणिक्य धारण कर सकते हैं।
धनु लग्न के जातक माणिक्य धारण कर सकते हैं।
मकर कुम्भ मीन लग्न के जातकों के लिए हितकर नहीं है ।
मोती –
मेष लग्न के जातक मोती पहन सकते हैं मूंगा के साथ पहनना लाभकारी होता है चंद्र की महादशा में धारण करना लाभकारी होता है
वृष लग्न के जातक को धारण नहीं करना चाहिए।
मिथुन लग्न के जातक को धारण नहीं करना चाहिए मिथुन लग्न के जातकों के लिए चंद्र मारकेश भी होता है केवल महादशा में ही धारण करें।
कर्क लग्न के जातकों को आजीवन पहनना चाहिएसिंह लग्न के जातक धारण कर सकते हैं।
कन्या लग्न के जातक चंद्र की महादशा में ही धारण करें।
तुला लग्न के जातक धारण कर सकते हैं।
वृश्चिक लग्न के जातक पहन सकते हैं।
धनु लग्न के जातक धारण न करें।
मकर कुम्भ मीन लग्न के जातक धारण न करें ।
मूंगा-
मेष लग्न के जातक को धारण करना चाहिए। वृष व मिथुन लग्न के जातक धारण न करें। कर्क लग्न के जातक मोती के साथ धारण कर सकते हैं। सिंह लग्न के जातक माणिक्य के साथ धारण कर सकते हैं। कन्या और तुला लग्न के जातक धारण न करें। धनु लग्न के जातक धारण कर सकते हैं। मकर लग्न में मंगल चतुर्थ भाव का स्वामी होता है। शनि यदि चतुर्थ भाव में हो या अष्टमेशा द्वादश भाव में हो तो धारण करें। कुम्भ लग्न के जातक सामान्यतः धारण न करें यदि मंगल दशम भाव में हो तो मंगल की महादशा में धारण कर सकतें हैं। मीन लग्न के जातको के लिए लाभकारी है। कुण्डली में इन स्थितियों में भी मूंगा धारण किया जा सकता है।
यदि आपकी कुण्डली में मंगल-राहु, मंगल-शनि की युति हो। प्रथम भावस्थ मंगल हो। पराक्रम भाव में मंगल हो। सुख भाव में मंगल हो। सप्तम, द्वादश भाव में मंगल हो। यदि धनेश होकर मंगल नवम भाव में सुखेश मंगल एकादश भाव में व पंचमेश मंगल द्वादश भाव में हो। नवमेश मंगल चतुर्थ भाव में दशमेश मंगल पंचम या एकादश भाव में हो। मंगल की दृष्टि सप्तम दशम एकादश पर हो। स्वस्थान का मंगल छठे भाव में हो।
पुखराज-
मेष लग्न के जातक धारण कर सकते हैं मूंगे के साथ लाभकारी होता है।
वृष लग्न के जातक केवल गुरू की महादशा में धारण कर सकते हैं।
मिथुन लग्न के जातक केवल गुरू की महादशा में धारण कर सकते हैं यदि जन्म कुण्डली में बृ.1, 2, 11, या त्रिकोणस्थ हो तो महादशा में पुखराज धारण कर सकते हैं।
कर्क लग्न के जातक धारण करें मोती के साथ विशेष लाभकारी।
सिंह लग्न के जातक धारण करें माणिक्य के साथ फलदाई।
कन्या लग्न के जातक धारण न करें।
तुला लग्न के जातक पुखराज धारण न करें।
वृश्चिक लग्न के जातक धारण कर सकते हैं मूंगा के साथ लाभकारी।
धनु लग्न के जातक हमेशा धारण करें।
मकर, कुम्भ लग्न के जातक पुखराज धारण करें ।
मीन लग्न के जातक मूंगा के साथ पुखराज धारण करें ।
हीरा-
मेष लग्न के जातकों के लिए हीरा लाभकारी नहीं है।
वृष लग्न के जातक धारण कर सकते हैं।
मिथुन लग्न के जातक धारण कर सकते हैं।
कर्क लग्न के जातक केवल शुक्र की महादशा में धारण करें।
सिंह लग्न के जातक धारण न करें यदि जन्म कुण्डली में शुक्र 1, 2, 4, 5, 10, 11,
भाव में हो तो शुक्र की महादशा में धारण कर सकते हैं।
कन्या लग्न के जातक हीरा धारण कर सकते हैं।
तुला लग्न के जातक जीवन भर धारण कर सकते हैं।
वृश्चिक लग्न के जातक धारण न करें।
धनु लग्न के जातक धारण न करें।
मकर तथा कुम्भ लग्न के जातक धारण कर सकते हैं।
मीन लग्न जातक धारण न करें।
नीलम-
मेष लग्न के जातक धारण न करें, यदि जन्म कुण्डली में शनि 1, 2, 4, 5, 9, 10 वें
भाव में हो तो शनि की महादशा में धारण कर सकते हैं।
वृष लग्न के जातक नीलम हमेशा धारण कर सकते हैं।
मिथुन लग्न के जातक शनि की महादशा में नीलम धारण करें पन्ना के साथ लाभदाई।
कर्क लग्न जातक धारण न करें।
सिंह लग्न जातक नीलम धारण न करें।
कन्या लग्न जातक शनि की महादशा में धारण करें।
तुला लग्न जातक नीलम धारण कर सकते हैं हीरा व पन्ना के साथ लाभप्रद।
वृश्चिक लग्न जातक धारण न करें।
धनु लग्न जातक नीलम न पहनें।
मकर लग्न जातक व कुम्भ लग्न जातक नीलम धारण कर सकते हैं।
मीन लग्न जातक धारण न करें।