चंद्र ग्रहण 2018
31 जनवरी 2018 को समस्त भारत में खग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा। यह ग्रहण चंद्रोदय से ही प्रारम्भ होने के कारण ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण कहलाता है। यह चन्द्रग्रहण पुष्य एवं आश्लेषा नक्षत्र एवं कर्क राशि कालीन हो रहा है। ग्रहण का प्रारम्भ (स्पर्श) सायं 5 बजकर 18 मिनट, मध्य सायं 6 बजकर 21 मिनट और समाप्त रात्रि 8 बजकर 42 मिनट पर होगा।
ग्रहण का सूतक – ग्रस्तोदय चंद्रग्रहण होने के कारण इस ग्रहण का सूतक सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ हो जाएगा ।
चंद्रग्रहण का माहात्म्य – यह चंद्रग्रहण माघी पूर्णिमा को घटित हो रहा है। इस दिन गंगादि पवित्र नदियों में स्नान, दान, और मंत्रजाप का विशेष फल प्राप्त होता है।
सत्यनारायण कथा और व्रती के लिए निर्देश – सत्यनारायण का व्रत करने वाले भक्तजन इस दिन चंद्रोदय के समय स्नान कर सत्यनारायण की पूजा कर सकते हैं। ग्रहण काल में भगवान को पक्वान्न का भोग नहीं लगाना चाहिए। व्रती केवल फल और मेवादि का भोग लगा सकता है। चरणामृत के लिए कुशा डालकर दूध आदि का प्रयोग करें।
चंद्रग्रहण का राशियों पर प्रभाव– यह चंद्रग्रहण कर्क के चंद्रमा पर घटित हो रहा है इसलिए इस राशि के जातकों पर इस का प्रभाव अघिक रहेगा। ध्यान रहे कि ग्रहण का प्रभाव तीन दिन तक रहता है।
मेष राशि – मेष राशि के जातकों के सुख भाव को यह ग्रहण प्रभावित कर रहा है। इस राशि के लिए यह कष्टप्रद रहेगा। अशुभ फलों के निवारण के लिए श्वेत वस्तुओं का दान करें।
वृष राशि – वृष राशि के जातकों को चोटादि का भय रहेगा वे जातक अधिक सावधानी रखें जिनका शनि कुंडली में खराब हो। अशुभ फलों के निवारण के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मिथुन राशि – मिथुन राशि के जातकों को धन हानि हो सकती है और पत्नी पुत्र आदि को कष्ट हो सकता है। अशुभ फलों के निवारण के लिए विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करें।
कर्क राशि – कर्क राशि के जातकों को अधिक सावधान रहना है। वाहन चलाने में सावधानी बरतें और मदिरा पान से बचें। अशुभ फलों के निवारण के लिए चावल, चांदी दान करें।
सिंह राशि – सिंह राशि के जातकों के लिए व्ययकारी रहेगा। अचानक हानि के योग बन सकते हैं। अशुभ फलों के निवारण के लिए सूर्य की उपासना करें।
कन्या राशि – कन्या राशि के जातकों के लिए मिलाजुला रहेगा।
तुला राशि – तुला राशि के जातकों को लाभ होगा और यात्रा पर जाना पड़ सकता है।
वृश्चिक राशि – इस राशि के जातकों को मानसिक परेशानी हो सकती है। विवाद से बचें। अशुभ फलों के निवारण के लिए बजरंग बाण का पाठ करें।
धनु राशि – धनु राशि के जातकों को अधिक कश्ट हो सकता है। अनावष्यक कार्यों से बचें और किसी से व्यर्थ विवाद न करें। अशुभ फलों के निवारण के लिए महामृत्युजंय मंत्र का जप करें।
मकर राशि – मकर राशि के जातकों के जीवनसाथी को कश्ट हो सकता है। अशुभ फलों के निवारण के लिए देहि सौभाग्य मारोग्यं श्लोक का जप करें।
कुंभ राशि – कुंभ राशि के लिए लाभकारी रहेगा।
मीन राशि – मीन राशि के जातकों को चिंता हो सकती है।
देश पर प्रभाव– इस ग्रहण के कारण भूकंपादि से तटीय क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं और आतंकवाद से अधिक भीतर घात से देश प्रभावित हो सकता है।