यदि कुण्डली में कोई ग्रह योग कारक होकर अशुभ फल दे रहा हो उस ग्रह का विधि पूर्वक पूजन अवश्य करना चाहिए। आज हम ग्रहों के शान्ति हेतु जप, मंत्र, दान आदि की विधि बता रहे हैं।
सूर्य ग्रह के शान्ति हेतु उपाय– सूर्य ग्रह हमारे संसार के नियोक्ता व शक्ति के प्रमुख स्रोत हैं।
वेदोक्त मंत्र – ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मत्र्यं च।हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।
पुराणोक्त मंत्र – जपा कुसुम संकाशं काशिपेयं महाद्युतिम। तमोऽरिं सर्व पापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्।।
सूर्य गायत्री मंत्र – ॐ आदित्याय विद्महे भास्कराय धीमहि तन्नो भानुः प्रचोदयात्।
तंत्रोक्त सूर्य बीज मंत्र -ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:
लघु मंत्र -ॐ घृणि सूर्याय नमः।
सूर्यार्घ्य मंत्र – एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्तया गृहाणार्घ्य दिवाकरः।।
सूर्य नारायण जी की जप संख्या 7000 है। मंत्र संख्या का विधिवत जप करके दशांश हवन करना चाहिए।
सूर्य दान – सूर्य दान हेतु वस्तुऐं गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र, घी, सुवर्ण, माणिक्य, ताम्रपात्र, नारियल, लालचन्दन, लाल फूल, दक्षिणा, लाल दाल।
समय – सूर्य दानादि का समय सूर्योदय काल है।
सूर्य व्रत – रविवार का व्रत करने से सूर्य नारायण प्रसन्न होते हैं। व्रत का विधान हम पहले बता चुके हैं।
सूर्य रत्न – सूर्य ग्रह को बली बनाने हेतु माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए।
सूर्य यंत्र – सूर्य यंत्र को तांबे पर खुदवाकर उसका नित्य पूजन करना चाहिए। सूर्य यंत्र को भोजपत्र पर अष्टगन्ध से लिखकर गले या दाहिने हाथ के बाजू पर धारण करना चाहिए।
औषधि स्नान- सूर्य ग्रह की शान्ति के लिए इलाइची, देवदारू, केशर, खस, रक्त पुष्प, रक्त चन्दन, कनेर पुष्प, गंगाजल, मनः शिला को मिलाकर रविवार के दिन स्नान करने से अत्यन्त लाभ प्राप्त होता है।इसके अलावा रविवार को केसर तिलक लगाना, सूर्य गायत्री, आदित्य हृदय स्तोत्र, एवं सूर्य कवच का पाठ, श्री विष्णु भगवान की उपासना करना लाभकारी होता है। रविवार के दिन अन्धाश्रम कुष्टाश्रम, अस्पताल में पकाये अन्न का दान करना लाभप्रद होता है।
सूर्य शान्ति के अन्य उपाय– सूर्योदय काल में ताम्रपात्र से भगवान सूर्य नारायण को जल दूध, पुष्प, गंध, लाल चन्दन आदि लेकर पूर्वाभिमुख होकर अर्घ्य देना चाहिए। रविवार के दिन नमक का परहेज रखें, ग्यारह रविवार पर्यनत केवल दही और चावल का सेवन करना चाहिए। रविवार के दिन लाल वर्ण की गाय को गुड़ मिलाकर आटा खिलावें।