गण्डमूल नक्षत्र –
1. अश्विनी, 2. आश्लेषा, 3. मघा, 4. ज्येष्ठा, 5. मूल 6. रेवती, ये 6 नक्षत्र
मूल संज्ञक / गण्डमूल संज्ञक नक्षत्र होते हैं।
अश्विनी, मघा, मूल का स्वामी केतु है। रेवती, आश्लेषा, ज्येष्ठा का स्वामी बुध है।
अश्विनी :-
प्रथम चरण में – पिता के लिए कष्टकारी
द्वितीय चरण में – आराम तथा सुख केलिए उत्तम
तृतीय चरण में – उच्च पद
चतुर्थ चरण में – राज सम्मान
आश्लेषा :-
प्रथम चरण में – यदि शांति करायीं जाये तो शुभ
द्वितीय चरण में – संपत्ति के लिए अशुभ
तृतीय चरण में – माता को हानि
चतुर्थ चरण में – पिता को हानि
मघा :-
प्रथम चरण में – माता को हानि
द्वितीय चरण में – पिता को हानि
तृतीय चरण में – उत्तम
चतुर्थ चरण में – संपत्ति व शिक्षा के लिए उत्तम
ज्येष्ठा :-
प्रथम चरण में – बड़े भाई के लिए अशुभ
द्वितीय चरण में – छोटे भाई के लिए अशुभ
तृतीय चरण में – माता के लिए अशुभ
चतुर्थ चरण में – स्वयं के लिए अशुभ
मूल :-
प्रथम चरण में – पिता के जीवन में परिवर्तन
द्वितीय चरण में – माता के लिए अशुभ
तृतीय चरण में – संपत्ति की हानि
चतुर्थ चरण में – शांति कराई जाये तो शुभ फल
रेवती :-
प्रथम चरण में – राज सम्मान
द्वितीय चरण में – मंत्री पद
तृतीय चरण में – धन सुख
चतुर्थ चरण में – स्वयं को कष्ट