कार्य-सिद्धि योग
05 अक्टूबर को प्रात: 08.43 से देर रात्रि 05.55 तक।
06 अक्टूबर को प्रात: 05.55 से दिन 11.41 तक
09 अक्टूबर को सायं 06.34 से देर रात्रि 05.57 तक
10 अक्टूबर को सायं 07.40 से देर रात्रि 05.57 तक
16 अक्टूबर को दिन 11.14 से देर रात्रि 06.00 तक
18 अक्टूबर को प्रात: 06.01 से देर रात्रि 02.33 तक
19 अक्टूबर को समस्त
21 अक्टूबर को रात्रि 10.59 से देर रात्रि 06.03 तक
23 अक्टूबर को प्रात: 06.04 से रात्रि 08.38 तक
अमृत सिद्धि योग
05 अक्टूबर को प्रात: 08.43 से देर रात्रि 05.55 तक
सर्वदोषनाशक रवि योग
03 अक्टूबर को देर रात्रि 05.41 से 05 अक्टूबर को प्रात: 08.43 तक।
06 अक्टूबर को दिन 11.41 से 07 अक्टूबर को दिन 02.26 तक।
09 अक्टूबर को सायं 06.34 से 10 अक्टूबर को दिन 12.57 तक।
10 अक्टूबर को सायं 07.40 से 11 अक्टूबर को देर रात्रि 06.00 तक।
14 अक्टूबर को दिन 04.26 से 15 अक्टूबर को दिन 02.01 तक।
20 अक्टूबर को रात्रि 10.15 से 21 अक्टूबर को रात्रि 08.59 तक
रवि पुष्यामृत योग
23 अक्टूबर को प्रात: 06.04 से रात्रि 08.38 तक
द्विपुष्कर (दो गुना फल) योग
02 अक्टूबर को प्रात: 07/46 से देर रात्रि 02/44 तक
त्रिपुष्कर (तीन गुना फल) योग
22 अक्टूबर को प्रात: 06.03 से दिन 01.10 तक
विघ्नकारक भद्रा
04 अक्टूबर को देर रात्रि 01.50 से 05 अक्टूबर दिन 03.06 तक
08 अक्टूबर को रात्रि 09.25 से 09 अक्टूबर को प्रात: 10.03 तक
12 अक्टूबर को प्रात: 09.57 से रात्रि 09.15 तक
15 अक्टूबर को दिन 01.26 से रात्रि 11.40 तक
18 अक्टूबर को दिन 12.34 से रात्रि 10.48 तक
21 अक्टूबर को दिन 02.37 से देर रात्रि 01.54 तक
24 अक्टूबर को रात्रि 12.52 से 25 अक्टूबर को दिन 01.13 तक
28 अक्टूबर को सायं 06.21 से 29 अक्टूबर को प्रात: 07.31 तक
शुद्ध विवाह मुहूर्त
इस माह में नहीं है।
गौना मुहूर्त
इस माह में नहीं है।
मुण्डन मुहूर्त
इस माह में नहीं है।
यज्ञोपवीत मुहूर्त
इस माह में नहीं है।
नींव पूजन मुहूर्त
20 गुरू मृगशिरा में।
27 गुरू उ.फा. में।
31 सोम स्वाती में।
गृहप्रवेश मुहूर्त
इस माह में नहीं है।
व्यापार मुहूर्त
02 रवि चित्रा में,
घं. 07/46 के बाद।
05 बुध अनुराधा में,
घं. 15/06 के बाद।
06 गुरू अनुराधा में।
16 रवि रेवती/अश्.ि में।
20 गुरू मृगशिरा में।
23 रवि पुष्य में।
27 गुरू उ.फा. में।