उत्तराखण्ड में ग्वेल देवता न्यायकारी देवता के रूप में प्रसिद्ध हैं। ग्वेल देवता के प्रति यहां सभी का दृढ़ विश्वास है। उत्तराखण्ड के कुमायूं मण्डल में इनके तीन प्रमुख मंदिर चम्पावत, चितई और घोड़ाखाल में हैं तथा पौड़ी गढवाल में भी इनका एक मंदिर कंडोलिया देवता के नाम से है। इसके अलावा ताड़ीखेत तथा चमड़खान में भी इनका प्रसिद्ध मन्दिर है। गांव-गांव, घर-घर में इनका मन्दिर अधिकांशतः होता है। ऐतिहासिक कथाओं और जनश्रुतियों के आधार पर ग्वेल देवता उत्तराखण्ड के न्यायप्रिय राजा रहे हैं, इनके दरबार में लोग न्याय की आशा में आते और उचित न्याय पाकर ग्वेल राजा की जय-जयकार करते वापस जाते थे। इनकी न्यायप्रियता ने इन्हें लोगों के दिलों में अंकित कर दिया और लोग इनकी पूजा करने लगे, परिणाम स्वरुप आज ग्वेल देवता घर-घर में सम्मान के साथ पूजे जाते हैं। ग्वेल देवता की जागर भी लगाई जाती है।