शुभ दीपावली-
नक्षत्रलोक की ओर से आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐं ।
दीपावली पर्व की समस्त रूपरेखा आपके समक्ष रख रहे हैं । दीपावली का पर्व हमारे सनातन धर्म का एक अभिन्न अंग है। दीपावली के इस पावन पर्व के दौरान पांच पर्वों का संगम होता है। पहला धनतेरस का पर्व यह पर्व शास्त्रीय मान्यता के अनुसार कुबेर महाराज माता लक्ष्मी तथा धन्वन्तरि जी का पूजन किया जाता है। तथा लोग इस पर्व में अनेक प्रकार की खरीददारी करते हैं।
इस वर्ष 9 नवम्बर 2015 के दिन यह पावन पर्व मनाया जाएगा। प्रातः काल 9 बजकर 37 मिनट से लेकर 11 बजे तक का समय किसी भी खरीददारी के लिए ठीक रहेगा। 11:55 से 12:20 तक का समय तथा दोपहर 01:40 से सायं काल 05:50 तक लाभ एवं अमृत चौघड़िया में सोना चांदी वाहन तथा बिजली के उपकरण खरीदना शुभ रहेगा। सायंकाल 05:50 से रात्रि 08:25 प्रदोष बेला में फिर रात्रि 1:30 से पूरी रात्रि खरीददारी की जा सकती है। पूजा का शुभ काल वृष लग्न में सायं 6:47 से रात्रि 08:49 तक है।
10 नवम्बर को नरक चतुर्दशी तथा हनुमान जयन्ती मनायी जाती है। इस दिन पितृ तर्पण का तथा यम तर्पण का विशेष महत्व है। इस दिन सायं काल के समय घर के चौखट पर दिया जलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है। मंगलवार के दिन हनुमान जयन्ती होने के कारण यह दिन और शुभ हो गया है। इस दिन सुन्दर काण्ड का पाठ करें।
11 नवम्बर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। दीपावली में महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है। यह पूजा अपने घर तथा कार्यस्थान दोनों में की जाती है। व्यापारी वर्ग के लिए प्रतिश्ठानों में पूजा का मूहूर्त प्रातः 10:42 से 11:53 तक तथा साम को 4:32 से 5:37 तक का समय उत्तम है। शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद 02 घ 42 मि का समय प्रदोष काल कहलाता है इस समयावधि में दीपदान व माता लक्ष्मी का पूजन कल्याणकारी रहता है। इस दिन सायं 05:31 से रात्रि 08:18 तक का समय प्रदोष काल का है। सायं 07:31 से 08:18 का समय पूजा के लिए सर्वश्रेेष्ठ है। इसके बाद रात्रि 08:10 से 10:32 तक का समय भी निशीथ काल तथा अमृत चौघड़िया होने के कारण उत्तम है। अर्धरात्रि में महाकाली की पूजा का समय सिंह लग्न में रात्रि 10:48 से 11:49 तक सर्वश्रेष्ठ तथा मध्य रात्रि 01:28 तक उत्तम रहेगा ।
12 नवम्बर को प्रातः 06:41 से 08:52 तक तथा 10:48 से दोपहर 01:42 तक भगवान कृष्ण, गोवर्धन तथा गाय के पूजन का शुभ मूहूर्त है।